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मनरेगा संगठनमंरेगा कि बैठक

मनरेगा संगठन हरिहरपुर रोहनिया में बैठक किया गया, किए गए कार्य की मजदुरी भुगतान ,काम के आवेदन पर चर्चा हुआ, 31 मजदूरों की सहभागिता रही




नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति और प्रेस कांफ्रेंस के साथ महिला हिंसा पखवाड़े का आगाज

चिरईगांव ब्लाक मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस और काशी विद्यापीठ ब्लॉक के फरीदपुर, मड़ाव, गोविंदपुर में प्रेरणा कला मंच के साथियों द्वारा लोक चेतना समिति के सहयोग से महिला हिंसा पखवाड़े के पूर्व संध्या पर किशोरी शिक्षा, महिला हिंसा ,महिला नेतृत्व के मुद्दे पर प्रेमचंद के मैकू, कमला का कमाल व भूख बनाम धर्म नाटक प्रस्तुत कर लोगो की समझ बनाई गई, कार्यक्रम के समापन पर महिला चेतना समिति की अध्यक्ष मुन्नी देवी द्वारा सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हम सबको मिलकर महिला हिंसा का विरोध करना है किशोरियों को शिक्षित करना है तथा महिलाओं को पंचायत मे प्रधान व पंचायत सदस्यों के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है,और महिला हिंसा पखवाड़े के तहत 25 नवंबर 20 से 10 दिसंबर 20 तक अलग अलग ग्राम पंचायतों में महिला हिंसा के विरोध में रैली निकाली जाएगी व सभा किया जाएगा,तत्पश्चात हरिहरपुर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सदानंद पटेल व मुन्नी देवी के अगुवाई में उपस्थित महिला किशोरियों द्वारा महिला हिंसा के नेतृत्व में गोविंदपुर राजभर, विश्वकर्मा, पटेलबस्ती व हरिहरपुर में रैली निकली गई । यह कार्यक्रम 25 नवंबर से 10 दिसम्बर तक संस्था के कार्यक्षेत्र के सभी गांवों में संचालित होगा।




मनाया गया क्रिसमस मिलन समारोह

ईश्वर का राज्य तुम्हारे ही बीच है

आज दिनाँक 23 दिसम्बर 2019 को लोक चेतना समिति के प्रांगण में आयोजित किया गया।समारोह का विषय प्रवेश संस्था के निदेशक डॉक्टर नीति भाई ने प्रभु ईशु मसीह के जन्म और उनके जीवन के मानवता को एक दिशा देने वाले उपदेशो का जिक्र करते हुए सर्वधर्म समभाव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए किया।इस मौके पर बतौर वक्ता फादर अनिल देव जी ने अपने वक्तव्य के दौरान बताया की मनुष्य के हिर्दय का परिवर्तन नही होगा तबतक समाज का ढाचा नही बदल जा सकता। प्रभु यीशु मसीह के जन्म के प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जीस यहूदी समाज मे इनका जन्म हुआ था उस समय वहा की स्थिति बहुत खराब थी। उस समय वहा पर इंसान खरीदे और बेचे जाते थे,उस समाज मे पाखण्ड अपने चरम पर था।उस समय प्रभु ईशु ने जन्म लेकर लोगो को एक नया रास्त दिखाते हुए उन्हें मानवता का पाठ पढ़ाया।ब्रह्म कुमारी ईश्वर विश्व विद्यालय से तापोसी बहन ने कहा कि मानव को छमा करने के विचार को आत्मसात करने की आवश्कता है। कार्यक्रम में डॉक्टर आरिफ ,फादर प्रेम ने भी सर्वधर्म समभाव को मजबूत करने पर प्रकाश डाला।वक्ताओं ने बताया कि आज दुनिया मे आपसी प्रेम भाईचारा कमजोर हो रहा है।इसको मजबूत करने के लिए मानव धर्म को बड़ावा देने वाले विचारो को आत्मसात करने की आवश्कता है।कार्यक्रम का संचालन सुरेंद्र भाई,स्वागत पंकज भाई,के साथ स्वागत गीत लोक चेतना छात्रवास की छात्राओ ने प्रस्तुत कर उपस्थित सभी अतिथियो का स्वागत किया। संस्था की कार्यकारी निदेशिका रंजू जी द्वारा आये हुए सभी वक्ताओं को धन्यबाद प्रकट करते हुए कर्यक्रम का समापन किया गया।कर्यक्रम में निम्न लोगो की उपस्थिति रही जयंत भाई, पुनम जी,राजेश जी,पंकज भाई, सूबेदार,गौरव,कविता,नीति संस्था क अलग अलग से आये हुए साथियो के साथ अलग 2 पंचायतों से निगरानी समिति,महिला चेतना समिति,किशोरी चेतना समिति वमनरेगा सन्गठन से 200 से ज्यादा महिला,पुरुष,किशोरी व युवाओ की उपस्थिति रही।




देश की वर्तमान दशा पर संवाद

रोहनियां, पूर्णोदय महिला महाविद्यालय, बच्छाव वाराणसी में लोक चेतना समिति के आयोजन में *संवैधानिक निर्माण में युवाओं की भूमिका* संवाद के पश्चात कालेज के प्रधानाचार्य द्वारा संस्था के साथियों को सम्मानित किया गया।




निर्भया हत्याकांड को काला दिवस के रूप में मनाया गया

*महिला चेतना समिति के बैनर तले लोक चेतना समिति के सहयोग से महिला, किशोरियों तथा गांव के युवाओं व पुरुषों द्वारा निर्भया हत्याकांड को काला दिवस के रूप में मनाया गया।*




महिलाओ के सम्मान , समानता और सुरक्षा हेतु बनाया गया मानव श्रृंखला और किया गया सभा।

लोक चेतना समिति, चिरईगांव वाराणसी के सहयोग से महिला चेतना समिति और किशोरी चेतना समिति के नेतृत्व में पिछले 25 नवम्बर से लगातार वाराणसी और जौनपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला हिंसा के विरोध में स्थानीय स्तर पर रैली,सभा,कैन्डिल मार्च, सायकिल रैली,मौन जुलूस,मसाल जुलूस,काली पट्टी बांधकर कार्यक्रम कर लोगों को महिलाओं और लड़कियों के सम्मान व अधिकार के प्रति जागरूक करने का कार्य किया गया।आज मानवाधिकार के अवसर जौनपुर के रत्नूपुर वाराणसी के चौबेपुर चौराहा, चोलापुर बाज़ार, जल्हुपुर बाज़ार, धरसौना बाज़ार, रोहनिया बाज़ार, बच्छाव बाज़ार में मौन मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के एवं महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा के समापन के अवसर पर आयोजित किया गया । वर्तमान समय में बच्चियों एवं महिलाओं पर हो रही हिंसा के विरोध महिला संगठन की बहनों, गांव की लड़कियों, मजदूरों, किसानों, छात्र-छात्राओं द्वारा महिला हिंसा के विरोध में मानव श्रृंखला बनाया गया जिसमे हजारों लोगो की भागीदारी रही |आप सभी को मालूम है कि भारत को आजाद हुए 73 साल हो गए और 21वीं सदी चल रही है महिलाओं को संविधान में बराबर का अधिकार मिला है, शिक्षा के क्षेत्र महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है, लेकिन पितृ सत्तात्मक सोच और सामाजिक व्यवस्था के चलते महिलाओ के साथ लगातार हिंसा हों रहा है। हिंसा रुप बेहद खौफनाक होता जा रहा है हमारे समाज में बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म , यौन उत्पीडन, जलाकर मारना जैसी अनेको प्रकार की हिंसा होती है ।हमारे संविधान और कानून में महिलाओं के अधिकार और सम्मान को लेकर के बहुत ही महत्वपूर्ण और कठोर कानून बनाए गए हैं , इस को मूर्त रूप देने के लिए समाज के सभी लोगों को अपने सोच में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है ।पुरुषो को आज की नारी को देखने का नजरिया बदलना होगा और खुद के बराबर समझने की आवश्कता है .पितृसत्तात्मक सोच को जड़ से खत्म करने की आवश्यकता है, तभी समाज में बदलाव संभव होगा। ठोस कानून होते हुए भी भारत में बड़े पैमाने पर महिला हिंसा होने का मतलब है हम उन्हें लागु करने में असफल है , और हमारी सामाजिक सोच में कोई बदलाव नहीं हो पा रहा है। इसलिए सभी लोग अपने सोच में बदलाव लाना जरूरी है तभी हिंसा पर रोक लगेगा।
इस मौके पर सभी जगह पर स्थानिय लोगों की भागीदारी रही.....